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लेखनी प्रतियोगिता -19-Jun-2022 छुट्टियों के दिन

परीक्षा खत्म होते ही छुट्टियां शुरू 
बड़ा मजा आता था छुट्टियों में गुरू 
गर्मी का मौसम चार चांद लगा देता 
घर को ही खेल का मैदान बना देता 
अमृत विष आंख मिचौनी खेलते थे
मां बाप की डांट भी भरपूर झेलते थे 
चंगा पौ , ताश खेलने में बड़ा मजा आता 
इनडोर खेलों में दिन सारा गुजर जाता 
गलियों में खेलने का आनंद कुछ और था 
धूप में छालों में भी खेलने का वो दौर था 
पेड़ पर चढकर निबौरी तोड़ने का आनंद 
मिट्टी के सिक्कों से व्यापार करने का आनंद 
कविताओं से अंत्याक्षरी खेलने का आनंद 
मेले में झूलने व खिलौनों का वो आनंद 
नानी के घर जाने का बेसब्री से इंतजार 
सब बच्चों का हिलमिल कर रहने वाला प्यार 
खरबूजा तरबूज की दीवानगी का आलम 
लीची, शहतूत, फालसे,  खिरनी का आलम 
फलों के राजा आम की सवारी निकलती 
कौन बड़ा वाला लेगा इसकी लॉटरी निकलती 
कैरी की छाछ और पोदीने के रायते की बहार 
अपने सोने की जगह पर पानी छिड़क करते तैयार 
छुट्टियों में कुछ नया सीखने को कहा जाता 
हर बार कोई न कोई बहाना बना टाला जाता 
कब छुट्टियां खत्म हो जाती पता नहीं चलता 
आज उन दिनों को महसूस कर आनंद उर में भरता 
काश, लौटकर आ जायें वो छुट्टियों के दिन 
तसल्ली वाले निठल्ले से फुरसत के वो दिन 

हरिशंकर गोयल "हरि" 
19.6.22 


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8 Comments

Seema Priyadarshini sahay

22-Jun-2022 11:48 AM

बहुत खूबसूरत

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Punam verma

20-Jun-2022 04:04 PM

Nice

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Shrishti pandey

20-Jun-2022 10:42 AM

Nice

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